वो रूठा होता है (मनाने का इंतज़ार कर रहा होता है), कभी संकोच में, उलझा होता है, कभी बयान ना हो पा रहे जज़्बात में, झूमता है हंसी के साथ, कभी असीम ख़ुशी में, अधूरा होता है, कभी अपने ही बनाये भ्रम में, मुस्कुराता है, खिलखिलाता है अक्सर ये ‘कुछ नहीं’
ये ‘कुछ नहीं’, कहना... बहुत कुछ चाहता है, अपने ही बनाये दायेरे में बंधा रह जाता है, तमन्ना होती है इसकी, अनगिनत लव्जों को कहने की, दो लव्जों में सिमटा रह जाता है. ये तेरा ‘कुछ नहीं’ ये मेरा ‘कुछ नहीं’.
From being an anti - cricket viewer, since the time I know cricket is a game (for a simple reason that my brother wanted to watch each match on TV and each India partnered Cricket match always use to lead a fight between us) to listening to all the enthusiasm that rise for the win to - watching and listening to the Speech of everyone's #SachinRameshTendulkar on his last Cricket Test match, made me realize the effect of magnetism that Cricket in our nation has (not less than a religion, in a secular nation), brought by a single man #SRT and that magnetism shall spread further and bound all further strong, get inspired and grow like the Humblest soul we all would have ever witnessed, sitting at the peak of success at the same time Grounded and having a huge way forward. #InspiringSachin.
समझते भी हो,
इतराते भी,
लफ़्ज़ों की लड़ी है साथ,
साथ है ख़ामोशी की खंकार भी,
मनाते भी हो,
छेड़ने का कोई अवसर गंवाते भी नहीं,
फिक्र करते हो,
'नहीं तो' कहने से कतराते भी नहीं,
हर कदम साथ हो,
नाराज़ होने पर, चेहरे की अभिव्यक्ति छिपाते भी नहीं,
छिप कर हमारे साथ होने की दुआ करते हो,
खुल के जताते भी नहीं,
कहो न कहो,
प्यार तो तुम्हे भी है हमसे,
अब कह भी दो "हाँ है "
"हाँ है" "हाँ है"
आपको सुन लेती हूँ ...,
मुझे एक टक देखती हुई निगाहों से ....,
जाने कैसे ये आपकी तस्वीर हर बात समझ जाती है,
कितनी भी मुश्किलात हो, सूज भूज सिखाते हुए मुस्कराहट से मिला जाती है।
Have met this young boy (in this dark pic) several times. Today got a chance to interact. I offered him prasad (from temple) which he took and kept aside. He sells bhutta. I have been curious to know for how come at such a young age he works. Looking at him I had thoughts like- Child labour, His study, How difficult it would be for him and if I can help him by any means, specially through teaching him. He cleared all the clouds in my head in one go. His name is Ram Lalit, is 10 years old. He studies in a govt school in 4th std. And every day at 3 pm he comes with his thela of bhuttas at the spot for his & family earning. And now he has got variety of bhuttas to offer his customers. He aims to build his business. While I left taking my share of bhutta, then did he enjoy having prasad. His confidence in what he does surprised me since he didn't left any window to offer help. What a self confident soul I met today and would keep meeting, who is full of innocence, yet is strong, who aspires for knowledge and growth, yet growing, who needs to be fed well, yet is helping others to get over their hunger.
Sardi ki Dhoop sa,
To kabhi Tapte din me chaanw sa,
Aaj har taraf bikhri 'Raat ki Chandni' sa,
Chamakta...,
Nikharta...,
Sanvarta...,
Vishwaas se bharaa...,
Andhere ko bhi Roshan Karta..,
Muskurata...,
Suljhata...,
Khushiyaan Manaata...,
Tera saath.
आजादी का चर्चा हुआ है आज,
हम आज़ाद हैं - हर दिल ये कह कर झूमा है आज,
जो कि जात पात की बेड़ियों से उलझे हमारे कदम रुकते हैं आज भी,
तुम इस जात के, मैं उस जात का, हम कहने से नहीं कतराते आज भी,
खुद को समझाने का दिन आया है आज,
कहने में कि हम आज़ाद हैं, और आज़ाद होने का जज्बा दिखने में अंतर है मेरे दोस्त,
आजादी मन का " विश्वास " है जो किसी के हाथ की डोर नहीं मेरे दोस्त,
एक "सच्चे इन्सान" बन जाएँ हम, तो क्या बात है,
"हर दिन खुद का हो", तो क्या बात है,
खुद को जगाने का वक़्त आया है मेरे दोस्त,
इन्सान को इन्सान ही रहने दो मेरे दोस्त ।।
काश वो अनकही दास्ताँ कहने का वो पल आता, काश हमेशा की तरह वो बात भी तू समझ जाता,
काश कि टकरार होती, काश बिन मौसम ही सही, बरसात होती, काश वो अटूट विश्वास आज बयान हो पाता,
काश हमारे होने का फक्र, हमें समझ आता, काश ये ख़ामोशी सिमट के भस्म हो जाती, काश गिले शिकवों की लड़ी लव्जों में कही जाती, काश ये इक्त्फाक हो जाता, इस बार मैं रूठती और तू मनाता।